पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को मतदाता सूची पुनरीक्षण (Voter List Revision) को लेकर सदन में जमकर बहस हुई। यह चर्चा आगामी विधानसभा चुनाव से पहले के आखिरी सत्र के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है। चर्चा की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने की, जिनका भाषण बुधवार को अधूरा रह गया था।
बुधवार को जब तेजस्वी यादव बोल रहे थे, तभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए अपनी बात रखी थी। इसके बाद तेजस्वी को गुरुवार को पुनः बोलने का मौका मिला, लेकिन इस बार भी सत्ता पक्ष की लगातार टोका-टोकी के बीच राजद विधायक भाई वीरेंद्र के एक बयान पर सदन में हंगामा मच गया। विवाद बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को सदन स्थगित करना पड़ा।
बाद में दूसरी पाली में जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो सरकार के विधायी कार्यों को निपटाया गया। इस दौरान विपक्ष वॉकआउट कर सदन से बाहर चला गया। वहीं, कांग्रेस और वामदलों के नेताओं ने भी वोटर लिस्ट रिवीजन पर अपने विचार रखे और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए।
मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस यह संकेत देती है कि आगामी चुनाव से पहले हर मुद्दे पर राजनीतिक तापमान और बढ़ने वाला है।