देश में कुत्ता, बिल्ली और बंदर के काटने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को जागरूक रहने की सलाह दे रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मामलों में सिर्फ एंटी-रेबीज वैक्सीन (ARV) लगाना ही काफी नहीं होता, बल्कि कई बार एंटी-टेिटनस वैक्सीन (TT इंजेक्शन) भी देना आवश्यक होता है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को कुत्ता, बिल्ली, बंदर या फिर कोई अन्य जानवर काट ले, तो सबसे पहले घाव को तुरंत साबुन और साफ पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोना चाहिए। इसके बाद नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में जाकर डॉक्टर की सलाह पर टीकाकरण पूरा करना चाहिए।
डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई उपचार प्रक्रिया:
चिकित्सा विशेषज्ञ बताते हैं कि रेबीज एक खतरनाक वायरल संक्रमण है, जो अगर समय पर इलाज न मिले, तो 100% जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए जानवर के काटने के बाद घरेलू इलाज या देरी करना खतरे को बढ़ा सकता है।
सरकारी अस्पतालों में एंटी-रेबीज वैक्सीन और टिटनेस इंजेक्शन मुफ़्त उपलब्ध हैं। हालाँकि, निजी अस्पतालों में अलग-अलग शुल्क लग सकते हैं।
डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के दर्द, सूजन, खून बहने या खरोंच जैसे मामलों को हल्के में न लें और तुरंत मेडिकल सलाह लें।