Bihar Assembly Monsoon session: वोटर लिस्ट विवाद पर तेजस्वी यादव ने आगाह किया कि अगर अनियमितताएं नहीं रुकीं तो महागठबंधन, चुनाव का बहिष्कार कर सकता है। तेजस्वी यादव ने सरकार पर फर्जीवाड़ा और संख्या बढ़ाने के लिए जोड़ने का आरोप लगाया।
बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है कि अगर अनियमितताएं नहीं रुकीं तो महागठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर सकता है।
तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार की जनता और वह खुद यह उम्मीद कर रहे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस गंभीर विषय पर खुद सदन में जवाब देंगे, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध ली। उन्होंने सरकार के रुख को चुनाव आयोग की प्रक्रिया को आँख मूंदकर समर्थन करने वाला बताया और दावा किया कि ये पूरी प्रक्रिया फर्जीवाड़े से भरी है।
तेजस्वी का आरोप था कि एक ही स्थान पर लाखों फॉर्म भरे जा रहे हैं, लोगों के फर्जी हस्ताक्षर किए जा रहे हैं और इस पूरी प्रक्रिया के कई वीडियो सबूत उनके पास हैं, जिन्हें सार्वजनिक भी किया गया है। उनका कहना था कि सरकार सिर्फ अपने मतदाता संख्या बढ़ाने के लिए इस गड़बड़ी को जायज़ ठहराने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, "हम नहीं चाहते कि कोई बाहरी या अवैध व्यक्ति वोट करे। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल चुनाव आयोग के दस्तावेज़ भी इस ओर इशारा करते हैं कि कोई विदेशी शामिल नहीं है, फिर भी सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।"
तेजस्वी ने राज्य सरकार के मंत्रियों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि कुछ मंत्री केवल सुर्खियों में रहने के लिए विधानसभा में “बंदर की तरह कूदते हैं”, जबकि उनके पास ना अनुभव है, ना कोई ठोस बात।
विपक्ष के नेता ने श्रम मंत्री सम्राट चौधरी के बयान पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब सम्राट खुद पलायन रोकने की बात कर रहे हैं, तो यह उनकी ही सरकार की विफलता को दर्शाता है। जबकि लोकसभा में खुद श्रम मंत्री यह स्वीकार चुके हैं कि बिहार के तीन करोड़ से अधिक लोग रोज़गार की तलाश में बाहर जाते हैं।
इसके साथ ही तेजस्वी ने पत्रकार अजीत अंजुम पर दर्ज एफआईआर को लेकर भी सवाल उठाए और पूछा कि जब फरवरी में वोटर लिस्ट का निरीक्षण हो चुका था, तो अब दोबारा इसकी जरूरत क्यों पड़ रही है?
तेजस्वी यादव के इन आरोपों ने विधानसभा में सरकार की कार्यप्रणाली और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।