बिहार में अतिक्रमण हटाओ अभियान: पटना और अन्य जिलों में अवैध कब्जों पर कड़ा अभियान

बिहार में अतिक्रमण हटाओ अभियान: पटना और अन्य जिलों में अवैध कब्जों पर कड़ा अभियान

पटना | 1 दिसंबर 2025

बिहार सरकार और स्थानीय प्रशासन ने राज्यभर में अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है. पटना नगर निगम (PMC) और जिला प्रशासन ने शहर के प्रमुख इलाकों में अवैध कब्जों को हटाने के लिए 1 दिसंबर 2025 से विशेष अभियान चलाया.

इस अभियान के तहत आने वाले क्षेत्र में नूतन राजधानी, पाटलिपुत्र, कांकरबाग, बांकिपुर, अज़ीमाबाद और पटना सिटी शामिल हैं, इसके साथ ही खगौल, फुलवारी शरीफ और दानापुर निज़ामत जैसे उपनगर भी शामिल हैं। प्रशासन का उद्देश्य सड़कों, फुटपाथों और सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले अवैध निर्माण और स्ट्रीट वेंडर्स को हटाना है।


कार्रवाई का दूसरा चरण

पहले चरण की सफलता के बाद, अब दूसरा चरण शुरू किया गया है. इसमें उन लोगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिन्होंने पहले कब्जा हटाया था और फिर से अवैध निर्माण किया। ऐसे मामलों में FIR और जुर्माना लगाया जाएगा. पहले चरण में कई सड़कों और सार्वजनिक स्थानों से अवैध कब्जा हटाया गया और कुल ₹37,400 रुपये का जुर्माना वसूला गया.

राज्यव्यापी अभियान

पटना के अलावा, गया, अररिया, मधुबनी एवं मुजफ्फरपुर में भी अवैध कब्जा हटाया गया।

Gaya: केपी रोड पर नगर निगम ने 200 से अधिक दुकानों को हटा दिया।

Araria: Sikti गांव में पंचायत भवन के लिए कब्जा की गई झोपड़ियाँ हटाई गईं.

Digital Recording of Government Land

वर्ष 2025 में राज्य सरकार ने एक विशेष भूमि सर्वेक्षण शुरू किया। अब तक लगभग 17.86 लाख एकड़ सरकारी जमीन चिन्हित की जा चुकी है। साथ ही डिजिटल रिकॉर्डिंग और Mutation Portal की शुरुआत की गई ताकि भविष्य में अवैध कब्जे कम किए जा सकें।


इस अभियान का उद्देश्य केवल अवैध कब्जा हटाना नहीं है, बल्कि सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा, ट्रैफिक सुधार और नागरिकों के लिए सुविधाएँ सुनिश्चित करना भी है. इसके साथ ही अवैध कब्जेदारों और माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.